⚠️कहानी सत्य घटना पर बिलकुल भी आधारित नही है। गोपनीयता बनाये रखने के लिये नाम और जगह बदलने की जरूरत नही पडी, क्योकि सभी पात्र काल्पनिक है। शीषर्क : हाय! पड़ोसन 😰 मेरा घर मानो किसी शमशान में था गिने चुने थे दो चार ही है, मकान और बाकी तो दुनिया थी ही वीरान नुक्कड़ पर थी एक किराने की दुकान जहाँ मुशकिल से मिलता कुछ सामान