कैसे कहूँ ये गम पुराने हो चले हैं जो अपने थे वो बेगाने हो चले हैं! अफसोस हम निभाते रहें वादे सारे लोग किसी और के दीवाने हो चले! आते थे हमे रिश्ते निभाने, जब हम थे उनके दीवाने! अब भाती नहीं है वो मुझे, बस यादें आती है उससे मिलाने! गुरुर-ए-हुस्न उन्हें कम करना पड़ेगा इस पत्थर दिल को उन्हें नर्म करना पड़ेगा! ज़रा छपने दो खबर हमारे नाम की उन्हें फिर हमारी मोहब्बत के लिए तड़पना पड़ेगा!! #गम #बेवफाई #प्यार #दिल #romanticpoem #nojoto #trending डॉ.अजय मिश्र Rajat Agarwal (Melting Philosophy) Nazma Nasreen Maneesh Singh Poetry Stage