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सफर लड़के की ************* सफर लड़के की बड़ा आसान

सफर लड़के की
*************
सफर लड़के की बड़ा आसान सा शब्द लगता है। 
हर काम कर सकता है, ये अभिमान सा इस जाहा को लगता है। 

 सफर लड़के की, चलो हम भी एक बार निहार आते है। 

जनम्ते, घर के चिराग बन जाते है। 
जिम्मेदारियों का बोझ वषोॅ उठाये फिरते है। 
हर चीज में पबन्धि फिर भी, हम आजाद कहलाते है। 
सफर लड़के की,  बड़ा ही मजेदार शब्द कहलाते है। 

गलतियों के पिटारे होते है, ना भी गलती करे, गलत तो वो ही कहलाते है। 
एक सम्मान के बोझ तले हर वक्त दबा दिये जाते है।
लड़के है! हमारे तो घर भी नहीं हुआ करते है। 
  
जहाँ पला- बढ़ा वह एक पल में पराया हों जाता है।
बच्चे से बढ़े हो चुके, अब टाइ- बुट डाल काम पर जाया करते है। 
लड़के है तो दुल्हन घर ले आते है। 

वो छोर आती है एक घर, दूसरे को अपना बना कर और हम चल देते है, उसी घर को पराया बना कर। 
लड़के है सब केह् कर भी कुछ ना केह् पाते है। 

करती है वो हर बात बया, जो चाहती है सदा, पर हम भूल जाते है अपनी बोल जब आता है जुबान पर शब्द तेरा। 
हम लड़के है कहाँ हमे दर्द होता है। 

रो नही सकते लड़के जो ठहरे, अक्सर् रातों को अपनी सिस्कियाँ भी दबा दिया करते है। 
माना तकलीफ सरिफा हमे नहीं, पर तु बया कर दी और हमारी आवाज तक किसी को सुनाई नहीं देते है। 
हम लड़के है । 
हमने खोवाब थोरि कम ही आते हैं। 

कपड़ो का रंग नहीं देखते, अगर जेब मे दाम ना हो, पर खोवाईश् आपनो की पुरी कर दे,
ये सोच, कल हम हो ना हो। 

हम लड़के है  कभी हमारी चाह का कोई मोल नही होता। 
माँ की गोद बुढ़ापे तक सकु दे ये सोच लो•••••• 
पर बाप के साथ एक प्याली चाय भी ना पी सको,,, 
तो ये बंदीसे अब तोड दो। 
हम लड़के है,,,, हमारी भी एक सफर है। 
हम लड़के है। #sfar
सफर लड़के की
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सफर लड़के की बड़ा आसान सा शब्द लगता है। 
हर काम कर सकता है, ये अभिमान सा इस जाहा को लगता है। 

 सफर लड़के की, चलो हम भी एक बार निहार आते है। 

जनम्ते, घर के चिराग बन जाते है। 
जिम्मेदारियों का बोझ वषोॅ उठाये फिरते है। 
हर चीज में पबन्धि फिर भी, हम आजाद कहलाते है। 
सफर लड़के की,  बड़ा ही मजेदार शब्द कहलाते है। 

गलतियों के पिटारे होते है, ना भी गलती करे, गलत तो वो ही कहलाते है। 
एक सम्मान के बोझ तले हर वक्त दबा दिये जाते है।
लड़के है! हमारे तो घर भी नहीं हुआ करते है। 
  
जहाँ पला- बढ़ा वह एक पल में पराया हों जाता है।
बच्चे से बढ़े हो चुके, अब टाइ- बुट डाल काम पर जाया करते है। 
लड़के है तो दुल्हन घर ले आते है। 

वो छोर आती है एक घर, दूसरे को अपना बना कर और हम चल देते है, उसी घर को पराया बना कर। 
लड़के है सब केह् कर भी कुछ ना केह् पाते है। 

करती है वो हर बात बया, जो चाहती है सदा, पर हम भूल जाते है अपनी बोल जब आता है जुबान पर शब्द तेरा। 
हम लड़के है कहाँ हमे दर्द होता है। 

रो नही सकते लड़के जो ठहरे, अक्सर् रातों को अपनी सिस्कियाँ भी दबा दिया करते है। 
माना तकलीफ सरिफा हमे नहीं, पर तु बया कर दी और हमारी आवाज तक किसी को सुनाई नहीं देते है। 
हम लड़के है । 
हमने खोवाब थोरि कम ही आते हैं। 

कपड़ो का रंग नहीं देखते, अगर जेब मे दाम ना हो, पर खोवाईश् आपनो की पुरी कर दे,
ये सोच, कल हम हो ना हो। 

हम लड़के है  कभी हमारी चाह का कोई मोल नही होता। 
माँ की गोद बुढ़ापे तक सकु दे ये सोच लो•••••• 
पर बाप के साथ एक प्याली चाय भी ना पी सको,,, 
तो ये बंदीसे अब तोड दो। 
हम लड़के है,,,, हमारी भी एक सफर है। 
हम लड़के है। #sfar
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Vicky Shaw

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