सांसों से उसके मुस्कुराहटें नही थमती; जहां पग पड़ जाय उसके तो धरती नहीं सोती।। जहां कुछ कर गुजरने का अदम्य साहस हो... वहां तान्या कभी नही रुकती।। कहते है: वो तो शिला था, उसे तराशे कौन ? मैं कहता हूं: जो (तान्या "परिवार") स्वयं पवित्र हो, उसे भला कौन तरासे।। जैसे जलती ज्वाला तप कर देती हैं... मेरी तान्या तो स्वयं तपस्विनी हैं।। ©Saurav life #ujala #spmydream