“बहती नदी सा वक़्त” अनुशीर्षक में बहती नदी सा वक़्त कहां है ठहरता किसी के लिए जैसे नदी का पानी बहता रहता वही पानी दुबारा नहीं छू सकते जो धारा नदी की बह चुकी वो फिर लौट कर नहीं आएगी ठीक उसी तरह वक़्त भी किसी के लिए नही ठहरता नदी की धारा की तरह वक़्त भी अविरल चलती रहती है। #kkबहतीनदीसावक़्त #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #कोरा काग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #similethougths