प्यार करो तो ऐसे करना जैसे माँ करती है. हम चाहे या ना चाहे उसको वो फिर भी हम पर मरती है. हमे खिलाए रोटी पूरी... खुद आधी रोटी खाती है.. और आधी भी ना मिले तो भूखी ही सो जाती है... अब कॉलेज मे आ गया मैं... होस्टल मै रहता हूँ.. दोस्त बहुत है मेरे लेकिन याद बहुत माँ आती है... माँ कोई नहीं है अपना यहाँ... हर कोई पराया है... ना सर पर तेरा हाथ है यहाँ ... ना तेरे प्यार का साया है... प्यार करो तो ऐसे करना जैसे माँ करती है. हम चाहे या ना चाहे उसको वो फिर भी हम पर मरती है. समझ गया क्यो तूने इतनी दूर मैं भेजा हूँ.... दूर हुआ तो क्या हुआ... मैं फिर भी तेरा कलेजा हूँ.. मैं फिर भी तेरा कलेजा हूँ.... ----- प्रभात 'सवेरा'! प्यार करो तो ऐसे करना जैसे माँ करती है. मैं फिर भी तेरा कलेजा हूँ.... ----- प्रभात