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वो चांद मेरी खिड़की से हर रोज़ झांकने आता है उसकी

वो चांद मेरी खिड़की से हर रोज़ झांकने आता है
उसकी चांदनी देख के सब थमा हुआ हो जाता है

वो अपने चेहरे बदल के भी लगता कितना सुन्दर है
काश ऐसे ही सभी होते...
क्यों उसमें और बाकी सब में अंतर है #samarthya_writes

OPEN FOR COLLAB✨ #AT4in1hindinight
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚

इस चैलेंज पर अपने मित्रों के साथ collab करें|☺️ 

Transliteration:
वो चांद मेरी खिड़की से हर रोज़ झांकने आता है
उसकी चांदनी देख के सब थमा हुआ हो जाता है

वो अपने चेहरे बदल के भी लगता कितना सुन्दर है
काश ऐसे ही सभी होते...
क्यों उसमें और बाकी सब में अंतर है #samarthya_writes

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