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मुरझाया-सा चेहरा मेरा, खुशियों से खिल जाता है, जख़्

मुरझाया-सा चेहरा मेरा, खुशियों से खिल जाता है,
जख़्म कोई कैसा भी  हो, खुदसे  ही सिल जाता है,
मैं जब  भी  माँ  के  आँचल  की छाँव  में  रहता  हूँ,
सच कहता हूँ हर  ग़म मेरा, मिट्टी में मिल  जाता है..!! हर एक #मांँ को समर्पित.....💐💐

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#udshayari 
#जख्म 
#आँचल 
#ग़म 
#मिट्टी
मुरझाया-सा चेहरा मेरा, खुशियों से खिल जाता है,
जख़्म कोई कैसा भी  हो, खुदसे  ही सिल जाता है,
मैं जब  भी  माँ  के  आँचल  की छाँव  में  रहता  हूँ,
सच कहता हूँ हर  ग़म मेरा, मिट्टी में मिल  जाता है..!! हर एक #मांँ को समर्पित.....💐💐

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uttamdixit7701

Uttam Dixit

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