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#OpenPoetry शुरुआत का दौर था। प्यार चारो ओर था।।

#OpenPoetry 
शुरुआत का दौर था।
प्यार चारो ओर था।।
समय बीतता गया।
दौर बदलता गया।।
लोग बदलते गए।
हम संभलते गए।।
कुछ तुमने सुनना छोड़ दिया।
कुछ हमने कहना छोड़ दिया।।
कुछ तुम आगे बढ़ गए।
कुछ हम पीछे हट गए।।

कुछ तुम बदले तो।
कुछ हम बदल गए।।।
कुछ तुम बिगड़े तो।
कुछ हम सुधर गए।।
कुछ तुमने कहा तो ।
कुछ हम समझ गए।।
कुछ आदतें तुमने डाली।
कुछ हमने बदल ली।।
कुछ तुम आगे बढ़ गए।
कुछ हम पीछे हट गए।।
#OpenPoetry 
शुरुआत का दौर था।
प्यार चारो ओर था।।
समय बीतता गया।
दौर बदलता गया।।
लोग बदलते गए।
हम संभलते गए।।
कुछ तुमने सुनना छोड़ दिया।
कुछ हमने कहना छोड़ दिया।।
कुछ तुम आगे बढ़ गए।
कुछ हम पीछे हट गए।।

कुछ तुम बदले तो।
कुछ हम बदल गए।।।
कुछ तुम बिगड़े तो।
कुछ हम सुधर गए।।
कुछ तुमने कहा तो ।
कुछ हम समझ गए।।
कुछ आदतें तुमने डाली।
कुछ हमने बदल ली।।
कुछ तुम आगे बढ़ गए।
कुछ हम पीछे हट गए।।
shwetasingh4602

Shweta Singh

New Creator