इक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे। जलभुन रहा है जहर में जैसा दिखाई दे। अंधा बना आदमी थमती अब निगाहें है। जिसको हमारी फिकर है वैसा दिखाई दे। ©K L MAHOBIA #दिल से - के एल महोबिया