बरसात मे तेरी गलियों को सलाम करता हूं ख्याल मे तुझे रख कर तुझसे कलाम करता हूँ और ये मै जो सायरी का ढेर लगा चुका हूँ अनमोल है इन्हे मै मुफ्त मे नीलाम करता हूँ ©Artist Viraj Saxena #VirajQuatos #parent