।। महादेव।। तीनों लोक थर थर कांप रहे हैं, देवता गंधर्व ग्रास हो रहे हैं महाकाल महावैरागी अपने तपोबल में लीन हो रहे हैं कौन करेगा इस पृथ्वी का उद्धार, दानव राक्षस नाच रहे हैं त्राहिमाम त्राहिमाम हर जगह हर तरफ उत्पात कर रहे हैं फिर कौन जगाए महादेव शिव शम्भू को ध्वनि कौन सुनाए डमरू मृदंग करताल महाबली को दिग दिगांत के मण्डल को, भूस्वामी के भूमण्डल को सूर्य के आभामंडल को, कौन बचाए कौन बचाए। हे जगदीश्वर हे जगत के पालनहार! रक्षा करो रक्षा करो इन्द्र, सूर्य, वरुण, अग्नि देव आदि शीश झुकाए डटे हैं ब्रह्मदेव ने दिया सुझाव, कामदेव को तुरन्त बुलाओ सृष्टि सृजन में वसंत उत्सव मनाओ, इस दृश्य को मनोरम बनाओ, शिवजी के हृदय में प्रेम जगाओ मन में रति तन में रति कामदेव का आवेश बहाओ। पार्वती जननी जगदम्बा तुम्हारे कार्य में नित है संगा उनके द्वारा काम संवरेंगे अपने लक्ष्य में उद्योग करेंगे चले समस्त देवगण, कामदेव रति तत्काल तत् क्षण घोर अघोर साधना में लीन तपेश्वर त्रिपुरारि कौन सामना करेगा सकुशल संकुच मुरारि। vipin'श्रीdaas' #देवों_के_देव_महादेव #महाकालेश्वर #Mythology