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स्वर कोकिला देह त्याग नभ की ओर चल पड़ी। ईश्वर के बो

स्वर कोकिला देह त्याग नभ की ओर चल पड़ी।
ईश्वर के बोल सी मीठी हैं ध्वनि उसके कंठ की।

‘वन्देमातरम’ को जन-जन की आवाज़ बना दिया,
जगह नहीं भर सकता कोई उस दिव्यात्मा की।— % & 👉🏻 प्रतियोगिता- 488
विषय 👉🏻 🌹"स्वर कोकिला"🌹
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I

🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
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ईश्वर के बोल सी मीठी हैं ध्वनि उसके कंठ की।

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विषय 👉🏻 🌹"स्वर कोकिला"🌹
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akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

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