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मुद्दतों से बस यही निभा रहा हूं मैं तुम से बिछड़

मुद्दतों से बस यही निभा रहा हूं मैं
 तुम से बिछड़ने की सजा काट रहा हूं मैं

वहां तेरा होना या ना होना सब एक वहम है
अब अपने गांव जाकर फूले लगा रहा हूं मैं 

मोहब्बत, इबादत ,नफरत न जाने क्या क्या है "मुमताज"
खुद को तसल्ली देकर अपनी पीठे थपथपा रहा हूं मैं

#मुमताज

©BazmEyaaraan #SAD #Love #Emotion #Happiness #gazal #poem #shayeri #urdu 

#mehfil #Broken
मुद्दतों से बस यही निभा रहा हूं मैं
 तुम से बिछड़ने की सजा काट रहा हूं मैं

वहां तेरा होना या ना होना सब एक वहम है
अब अपने गांव जाकर फूले लगा रहा हूं मैं 

मोहब्बत, इबादत ,नफरत न जाने क्या क्या है "मुमताज"
खुद को तसल्ली देकर अपनी पीठे थपथपा रहा हूं मैं

#मुमताज

©BazmEyaaraan #SAD #Love #Emotion #Happiness #gazal #poem #shayeri #urdu 

#mehfil #Broken