Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या जरूरी था सितारों का, यूँ फ़लक को छोड़ के जाना,

क्या जरूरी था सितारों का, 
यूँ फ़लक को छोड़ के जाना,
क्या जरूरी था जानकर भी, 
ख़ामोशी को न समझ पाना । 
क्या जरूरी था भारी मन से 
हर अनुचित बातों का मनवाना ।
क्या जरूरी था किसी और की ख़ातिर, 
उन्हें हर बार, यूँ नीचा दिखाना।
क्या जरूरी था आँखों पर गांधारी की 
पट्टी बाँध धृतराष्ट्र बन जाना ।
क्या जरूरी था परायो में रहकर 
अपनों को भी, न पहचान पाना ।
क्या जरूरी था,कोलाहल सुनकर भी 
यूँ तेरा मूक हो जाना ।
क्या जरूरी था, रूठ गए अपने तो 
उन्हें एक बार भी न मनाना।
क्या जरूरी था शब्दों के शोर में 
तुम्हारा यूँ निःशब्द हो जाना ।
क्या जरूरी था, रुँधे गले से
अलविदा कहते हुए को गले से न लगाना ।
क्या जरूरी था, किसी एक को कुछ न समझना
और किसी दूजे पर सब कुछ वार देना ।
क्या जरूरी था, यूँ तुम्हारा अपने अपनों में
इस तरह भेदभाव करना ।।

बोलो क्या सच मे जरूरी था 
यूँ सितारों का फ़लक को छोड़ के जाना ..... कोई तो बात होगी, कोई तो हालात होगा ,
वरना यूँ नही साथ छोड़ जाते, हाथ थामने वाले ...


#nojoto #nojoto #nojotohindi #Biased #farewell #Anshulathakur #anandmohanjha #amitThakur
क्या जरूरी था सितारों का, 
यूँ फ़लक को छोड़ के जाना,
क्या जरूरी था जानकर भी, 
ख़ामोशी को न समझ पाना । 
क्या जरूरी था भारी मन से 
हर अनुचित बातों का मनवाना ।
क्या जरूरी था किसी और की ख़ातिर, 
उन्हें हर बार, यूँ नीचा दिखाना।
क्या जरूरी था आँखों पर गांधारी की 
पट्टी बाँध धृतराष्ट्र बन जाना ।
क्या जरूरी था परायो में रहकर 
अपनों को भी, न पहचान पाना ।
क्या जरूरी था,कोलाहल सुनकर भी 
यूँ तेरा मूक हो जाना ।
क्या जरूरी था, रूठ गए अपने तो 
उन्हें एक बार भी न मनाना।
क्या जरूरी था शब्दों के शोर में 
तुम्हारा यूँ निःशब्द हो जाना ।
क्या जरूरी था, रुँधे गले से
अलविदा कहते हुए को गले से न लगाना ।
क्या जरूरी था, किसी एक को कुछ न समझना
और किसी दूजे पर सब कुछ वार देना ।
क्या जरूरी था, यूँ तुम्हारा अपने अपनों में
इस तरह भेदभाव करना ।।

बोलो क्या सच मे जरूरी था 
यूँ सितारों का फ़लक को छोड़ के जाना ..... कोई तो बात होगी, कोई तो हालात होगा ,
वरना यूँ नही साथ छोड़ जाते, हाथ थामने वाले ...


#nojoto #nojoto #nojotohindi #Biased #farewell #Anshulathakur #anandmohanjha #amitThakur