दिल का अमीर मुकद्दर का गरीब था, मिलके बिछड़ना मेरा नसीब था, चाह कर भी कुछ न कर सके, "हम" घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था... राहुल प्रधान #आग #घर #दिल