हम तो पनाह थे,उसके इश्क में,पर उसने ही बेपनाह कर दिया, अपने दिल से, फिर भी करते रहे हम उसका दीदार-ए- इश्क। सोचा था लौट कर आएगी वो, पर वो तो कही और ही दीदार- ए- इश्क कर बेठी। मेरी डायरी@@शायरी