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शाम और इंतज़ार हाँ!...... अब खत्म हुआ सब, वो इंतजा

शाम और इंतज़ार हाँ!...... 
अब खत्म हुआ सब, वो इंतजार भी और वो शाम भी,
जिसका शायद जिंदगी बेहिसाबी से इंतजार करा रही थी, 
शायद..... शायद! ये पहले हो जाना तय था मगर फिर भी जैसे जिंदगी उलझाए रखी थी! कुछ सच्ची झूठी बातें..
शाम और इंतज़ार हाँ!...... 
अब खत्म हुआ सब, वो इंतजार भी और वो शाम भी,
जिसका शायद जिंदगी बेहिसाबी से इंतजार करा रही थी, 
शायद..... शायद! ये पहले हो जाना तय था मगर फिर भी जैसे जिंदगी उलझाए रखी थी! कुछ सच्ची झूठी बातें..

कुछ सच्ची झूठी बातें..