नादान हूं मुझे नहीं आती उड़ती पतंगों सी चालाकियाँ। बहती हवा के रुख की तरह बदलती है यहां जिंदगियाँ। समझना ही नहीं चाहती हूं ये पेचों की सब बारीकियाँ मैं, समझना चाहती हूं अपनी जिंदगी की सारी कमजोरियाँ। जानती हूं कि आजाद परिंदों सी जिंदगी नहीं है हमारी, फिर भी भाती ही नहीं है मुझको जिंदगी की ये बेड़ियाँ। उड़ना चाहती हूं कटी पतंग सी आसमानों में खुलकर मैं, मुझे नहीं मंजूर मांजे के सहारे से काटना यूं नज़दीकियाँ। अपनी जिंदगी का एक सबसे खूबसूरत हसीन ख्वाब हूं मैं, मुझे बखूबी निभानी आती है अपनी सारी ही जिम्मेदारियाँ। वह मांजा नहीं जो गले लगा कर किसी का गला काट दूं मैं, नाजुक सी रेशम की डोर हूं और ओढ़ ली है मैंने खामोशियाँ। रखती हूं उड़ती पतंग सी चंचल शोख अदाएं खुद में ही मैं, पर उड़ने से डरती हूं कि कहीं हो न जाएं कोई गुस्ताखियाँ। जानती हूं तोड़ना बेड़ियों का हुनर, बखूबी तोड़ सकती हूं मैं, फिर भी मन ही मन डरती हूं मिल ना जाए कहीं रूसवाईयाँ। यकीन रखती हूं अपने बुलंद हौसलों पर खुद से भी ज्यादा मैं, घबराता है दिल कहीं मिल ना जाए दिल को नाकामयाबियाँ। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #udtipatang #flying 📀Time limit till 11:59 pm tommorow... 📀No word limit 📀You have to maintain these hashtags