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चित्रकार तु चित्र बना दे,जिसका नाम मोहब्बत है। आशि

चित्रकार तु चित्र बना दे,जिसका नाम मोहब्बत है।
आशिक मेरा संत कबीरा ,यार हसीना मीरा है।।

ढाई आखर प्रेम का,
 पढ़ें सो पंडित होय।
जाकै शिश मोर-मुकुट ,
वो ही मेरों स्वामी होय।

निर्गुण-सगुण की भक्ति धारा ,जो सांची प्रेम मदिरा है।
 
अमर सुहागन है यह आत्मा ,
रंग बदलती साडी का।
विश्व रुप का दर्श करा दे,
 जो रूप बडा बनवारी का।।

महारास का प्रेम वो बना दे, जहां कामदेव का मर्दन हो।
राधा हो जहां प्रेम हसीना,आशिक चक्र सुदर्शन हो।।

©Ombhakat Mohan( kalam mewad ki)
  @  pallavi karamunge (indu) Arshad Siddiqui Anuj thakur "बेख़बर" Rajat Sharma (insta id rajat_ek_khoya_sa_ladka) POOJA UDESHI