धरा से अत्याचार व अधर्म को मिटाने के लिए प्रभु ने हर युग में अवतार लिया हर युग में मानव जन को बचाने की खातिर नए नए रूपों को धर धरा पर आये। ब्रह्ममांड की प्रलय से पहले हयग्रीव ने ब्रह्मा से वेदों को चुरा कर मुख में रख लिया। श्री हरि विष्णु ने प्रथम अवतार मत्स्य का हयग्रीव राक्षस का संहार के लिए लिया। मत्स्य का रूप धरकर भगवान श्रीहरि परमात्मा सत्यव्रत की अंजलि में आ गए। प्राणों की रक्षा के लिए मछली का रूप धर उनसे साथ में रहने की गुहार लगायी। सत्यव्रत ने हरी को अपने कमंडल में रखा और साथ में अपनी कुटिया में ले आए। मछली का आकार ज्यों ज्यों बढ़ता गया त्यों त्यों उनकी जगह बदलते चले गए। पहले कमंडल में फिर घड़े फिर तालाब फिर नदी और अंत में समुद्र में रख दिया। श्री हरि विष्णु ने महान सत्यव्रत को आत्म ज्ञान देकर उनके जीवन को धन्य किया। आने वाली प्रलय का भान कराया उनको और प्राणों की रक्षा का उपाय बताया। सत्यव्रत के कहने पर उन्हें दर्शन देकर उनको प्रलय से उबरने का उपाय सुझाया। प्रलय आयी नौका में बैठ सप्तऋषियों संग जान बचायी हरि ने हयग्रीव संहार किया। वेदों को छीनकर असुर हयग्रीव से हरि ने पुनः ब्रह्मा जी को लौटा कर कर्तव्य निभाया। #9avatarofvishnu #matasyavatar #krishna #yqbaba #yqdidi #yqquotes #myquote Topic: Matasya Avatar Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...