*सार्थक कर्म* औलाद पैदा करके भी दिन वृद्धाश्रम में गुजार रहे। भरा-पूरा परिवार है फिर भी तन्हाई में जीवन काट रहे। क्या सार्थकता हुई कर्म की क्षमता और समय व्यर्थ गया । नि;संतान की भाँति जब संतति होते हुए जीवन गुजार रहे । लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश भारत ( 09 मई 2023 ) ©Pratibha Dwivedi urf muskan #roshni #कर्म #कर्मफल #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #स्वरचित #नोजोटो