पावस की दो बूंद घनघोर घटा नभ में छाई, पावस की दो बूंद मोह पर भी आई.. दो बूंद ही पावस पाकर, सारी व्यथा भूली मैं, आमोद के मेह में मग्न हुई मैं। ^श्रेया मिश्रा_ #पावस की दो बूंद