बदल रहा साल पर आज भी हूँ तेरे इश्क़ में बेहाल जाने क्या तू मेरा हाल निखर रही है तू बढ़ती चाहत मेरी हर बार क्या तू भी चाहे मुझको बार-बार। Changing calender but not our bond. It's increasing day by day.