घर से निकले हैं पढ़ने को जीवन के पथ पर बढ़ने को कदम है अगला आज बढ़ाया एक रोज शिखर पर चढ़ने को एक कविता उनके लिए जिन्हें उच्च शिक्षा एवं बेहतर भविष्य के लिए घर से दूर जाकर रहना पड़ता है.... घर से निकले हैं पढ़ने को जीवन के पथ पर बढ़ने को कदम है अगला आज बढ़ाया एक रोज शिखर पर चढ़ने को ना पहले सी शामें होंगी