अंदर से दिल रोता है बाहर से हम हस लेते हैं, कांच की तरह बिखरे है हर टुकड़े से चमक लेते है, हम लड़के है जनाब हालात जो भी हो प्यार से सब कुछ सह लेते है। परिवार से हमे भी मोहब्बत है मेरा भी घर से याराना है, मजबूरी है अंजान शहरो में रहना अपने गांव मैं रहने का खालियानो की ठंडी हवाओं के साथ बहने का बीत गया वो जमाना है, जमाने सी तेजी तो नही है हम जर्जर नाव की तरह बह लेते है हम पुरुष है जनाब हालात जो भी हो प्यार से सब कुछ सह लेते है। ...... ©MiTheAnonymous Men's Life #MiTheAnonymous #internationalmensday