आज तक नहीं आंक पाया कोई अरसे गुजर गए तकिये तले छुपाते । ऐसा अक्सर उन ख्वाहिशों का कहना है जो चुपके से बदल गयीं मुस्कुराके । हम तो कल भी नादान थे और आज भी है बात उनकी है जो रह गए इनकी कीमत लगाते। कौन समझता है, इन आँसुओं की क़ीमत! #आँसुओंकीक़ीमत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi