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*शिवानी.... हिंदी साहित्य में शिवानी एक जाना पहच

*शिवानी.... 
 हिंदी साहित्य में शिवानी एक जाना पहचाना नाम है। 
उपन्यास, कहानियाँ, आलेख और निबन्ध लिखकर हिन्दी साहित्य को दिया अपना योगदान है। 
भावों का सुंदर चित्रण, भाषा की सादगी इनके लेखन की जान है। 
इनका साहित्य जिन्होंने पढ़ा है, वे जानते हैं कि उनके लेखन में कुमाऊनी शब्दों और मुहावरों की भरमार है। 
शिवानी के लेखन में कल्पना की न उड़ान है , 
भाषा के प्रयोग में देश, काल, वातावरण, पात्रों की पात्रता और चरित्र की अनुकूलता का खासा रखा ध्यान है। 
कहानियों की विषय वस्तु पाठक और पात्र के अनुरूप भाषा का प्रयोग सभी में अनूठापन है। 
बहुत सटीक है, खासा समृद्ध उनका शब्द भण्डार है ।  ६३/३६५@२०२१ 
१५/०३/२०२१ 17 अक्टूबर 1923 को अश्विनी कुमार पांडे रामपुर स्टेट के दीवान तथा संस्कृत की विदुषी के आंगन में एक परी आई उसका नाम गौरा पंत रखा गया किंतु आज अधिकतर लोग शिवानी के नाम से उन्हें जानते हैं। isc yreeta-lakra-9mba
*शिवानी.... 
 हिंदी साहित्य में शिवानी एक जाना पहचाना नाम है। 
उपन्यास, कहानियाँ, आलेख और निबन्ध लिखकर हिन्दी साहित्य को दिया अपना योगदान है। 
भावों का सुंदर चित्रण, भाषा की सादगी इनके लेखन की जान है। 
इनका साहित्य जिन्होंने पढ़ा है, वे जानते हैं कि उनके लेखन में कुमाऊनी शब्दों और मुहावरों की भरमार है। 
शिवानी के लेखन में कल्पना की न उड़ान है , 
भाषा के प्रयोग में देश, काल, वातावरण, पात्रों की पात्रता और चरित्र की अनुकूलता का खासा रखा ध्यान है। 
कहानियों की विषय वस्तु पाठक और पात्र के अनुरूप भाषा का प्रयोग सभी में अनूठापन है। 
बहुत सटीक है, खासा समृद्ध उनका शब्द भण्डार है ।  ६३/३६५@२०२१ 
१५/०३/२०२१ 17 अक्टूबर 1923 को अश्विनी कुमार पांडे रामपुर स्टेट के दीवान तथा संस्कृत की विदुषी के आंगन में एक परी आई उसका नाम गौरा पंत रखा गया किंतु आज अधिकतर लोग शिवानी के नाम से उन्हें जानते हैं। isc yreeta-lakra-9mba
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REETA LAKRA

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