मिजाज में जिंदादिली, जमीर मेरा अभी तक मरा नहीं सब दुखो से निकल चुका मै ,अब कोई जख्म हरा नही बस एक ही मलाल ना रहे मुझे, कि मै अपने लिए कुछ करा नही अपने हाथों रुकसत की एक रोज जो मैने जिंदगी , कोई खौफ ना बचा फिर, मौत से भी कभी डरा नहीं ©shayariwaladoctor मिजाज में जिंदादिली जमीर मेरा अभी तक मरा नहीं सब दुखो से निकल चुका मै अब कोई जख्म हरा नही बस एक ही मलाल नही रखना मुझे कि मैने कुछ करा नही अपने हाथों जो रुकसत की मैने जिंदगी फिर मौत से भी डरा नहीं #Shayari