तेरे इंतज़ार में बैठे रहे ठगे से कहीं अंधेरे में ख़ामोश तन्हा अकेले साजिशों के घेरे में थोड़ा उनींदे थोड़ा थके से आस की मद्धिम लौ में चाहत के परवाने को साथ बिठाए यादों में खोए से इंतज़ार में तुम्हारी बैठे रहे ठगे से ©Kirbadh #Alive #love #waiting #poem