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उम्र भर बिखरा पड़ा रहा मैं सूखे पत्तों की तरह आज क

उम्र भर बिखरा पड़ा रहा मैं सूखे पत्तों की तरह
आज किसी ने समेटा तो सिर्फ जलाने के लिए #QuotesMaster
उम्र भर बिखरा पड़ा रहा मैं सूखे पत्तों की तरह
आज किसी ने समेटा तो सिर्फ जलाने के लिए #QuotesMaster