रात आई और नींद ले गई , फिर याद उनकी आई इस कदर के, हम उनके ख्यालों में तडपने लग पडे..!! चाहत की तलाश में थे हम तो.., वो तन्हा छोड गये ,हम रातों मे भटकने लग पडे...!! खुद्द को ही खुद्द से हमे मोह्हबत ना रही.., पागलों की तरह अब हम, रहने लग पडे..!! सिगरेट ,शराब ने सहारा दिया ,इन काली रातों मे,, जैसे तुम्हारे बिना थे मरते हम अब इनपर भी मरने लग पडे..!! 505@मतलबी_जोकर imagination505bhola