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गर्मी से क्यों रे मानव तू घबराता है, तपन जब धरा पर

गर्मी से क्यों रे मानव तू घबराता है,
तपन जब धरा पर बढ़ता हैं,
तभी पयोधर जल बरसाता हैं,
 परिश्रम की तपन जब लगती हैं
तभी व्यक्तित्व सँवरता जाता है,
फिर क्यों रे मानव संकट देख,
तू इतना हाहाकार मचाता हैं,
कठिनाई से निकल कर ही तो,
सपनों का आसमान पाता हैं।

©Priya Gour गर्मी का मौसम 🌟

#OneSeason 
#15july 7:27
#Summer 
#Garmi
गर्मी से क्यों रे मानव तू घबराता है,
तपन जब धरा पर बढ़ता हैं,
तभी पयोधर जल बरसाता हैं,
 परिश्रम की तपन जब लगती हैं
तभी व्यक्तित्व सँवरता जाता है,
फिर क्यों रे मानव संकट देख,
तू इतना हाहाकार मचाता हैं,
कठिनाई से निकल कर ही तो,
सपनों का आसमान पाता हैं।

©Priya Gour गर्मी का मौसम 🌟

#OneSeason 
#15july 7:27
#Summer 
#Garmi
priyagour7765

Priya Gour

Gold Star
Super Creator