उनके एक प्यार भरे अल्फाज़ सुनने को, साथ बिताये उन पलो को, फिर से जीने को तरस गए हम.. वो साथ बड़ा खुशनुमा सा था जो, वो बांहे जिनमें भीगोईं थी, हमने अपनी पलके सब जुदा जुदा से हो गए.. अब तो यादें भी ख़्वाबों में आना छोड़ गए, बस एक साथ पाने को तरस गए हम.. कुछ ख्वाब अधूरे रह गये, कुछ यादे रह गयी हम समझा न पाए जो, वो बाते अधूरी रह गयी, अधूरी बाते पूरी करने को, तरस गए हम.. तरस गए हम ख़ुद से मिलने को। #तरसगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #सुचितपाण्डेय #suchitapandey