नख शिख तक ढ़क के रहा करती थी नारियां ! नजर भी मिल जाये तो दिल में उतरती थी नारियां !! अब पाश्चात्य फूहड़ता ने अब छीन लिये सारे परिधान ! नारी को मिल ही नहीं पा रहा सही प्यार का समाधान !! ज़माने में समय के साथ बदलाव ज़रूरी है ! पर इसके नाम पे नग्नता की क्या मजबूरी है !! घूंघट हटा दिया कोई बात नहीं ! जींस शर्ट अपना लिया कोई बात नहीं !! जींस फाड़ के पहनने का रिवाज़ ग्राह्य नहीं ! इसके बढावे से गलत संदेश की सीमा नहीं !! मोम आग के निकट आने पे पिघलता ही है ! अफ़सोस पाश्चात्य प्रेरित समाज़ इत्ती सी बात समझता नहीं ! #aaveshvaani #female #modernworld #sanskar