आज कर दूँ स्वयं अपने हाथ से श्रृंगार सारा, तुम कहो तो... वेणियों में गूँथ दूँ सुरलोक की नीहारिकायें, माँग-बेदी में सजा दूँ कलानिधि की सब कलायें, और माथे पर लगा दूँ भोर का पहला सितारा, तुम कहो तो... पुष्पधन्वा का बना दूँ चाप इस भ्रू-भंगिमा को, करुँ उद्दीपित दृगों में स्वप्नदर्शी लालिमा को, और पलकों पर सजा दूँ कल्पना का भुवन सारा, तुम कहो तो... #rain शून्यMit vardha chaudhary