जिसके आगे हर ख्वाहिश हो मंज़ूर, उनकी ख्वाइशों के आगे चलें ज़रूर। ख़्वाब बेबाक़ से ख्वाहिशों के आगे, बेमुरबक रहें होंगे हसरतों के जागे। ख्वाहिशें अब क्या गिला करेगी वो, जिसके आगे ख़्वाब हुए थे पूरे वो। बेपरवाह नज़र आती है मुकम्मल, मुकर्रर ख्वाहिशें हमसफ़र अमल। गुमान न करना सादगी का कभी, "हार्दिक" ख्वाहिश हैं जब सभी। ©- @छोटे हार्दिक #Aasmaan