📚*“सुविचार"*🖋️ 📘*“13/11/2021”* ✨*“शनिवार”*🌟 “महाभारत” के समय में “पांडवों” ने “परिश्रम” किया तो “खांडवप्रस्थ” को भी “इंद्रप्रस्थ” बना दिया,लेकिन “जुआ” खेला तो एक ही क्षण में “इन्द्रप्रस्थ” को भी ग्वा दिया,“परिश्रम” किया तो “रंक” से “राजा” बने,“जुआ” खेला तो एक क्षण में “राजा” से “रंक” बने, इससे “सीख” यही है कि “जुआ” कभी कभी आपका “मित्र” हो सकता है कभी कभी ये आपका “साथ” दे सकता है, किंतु “प्रयास” और “परिश्रम” जब एक साथ आते है तो ये सदैव आपके साथ ही रहते है, “प्रयास” किजिए “परिश्रम” भी किजिए तभी ये मन “प्रसन्न” और “आनंदित” भी अवश्य रहेगा, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“13/11/2021”*📝 ✨ *“शनिवार”*🌟 *#“पांडव”* *#“खांडवप्रस्थ”*