A tributes to martyrs bhagat singh, sukhdev and raj guru; आँखो में ज्वाला हो कुछ पाने की अभीलाषा हो मात्रभूमी की रक्षा खातीर तुझसे तेरे देश की परिभाषा हो " कांप उठे तुझसे टकराने वाले भगत गुरू सुखदेव सुरवीर बन चाहे तू धरती पे हो या अम्बर में हिन्दुस्तान की पेहचान बन