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भिगाती रही रात भर जो बारिश वो मौसम की थी या आंखो

भिगाती रही  रात भर जो बारिश 
वो मौसम की थी या आंखों की पता नही 
रुलाती रही  रात भर जो यादें
वो अपने की थी या खुद की ये पता नही 
चीखते रहे दर्द से जो जखम
वो खुद ही खुद को दिए था या किसी अपने ने पता नही 
निभाते रहे हर एक से हम वफा 
वो ही कहते है तुझमें नाम ए वफा नही 
अब तो जिंदगी से हसीन मुझे मौत लगती हैं
जीते जी इससे बड़ी कोई सजा नही

©Parth Soni
  नाम ए वफा 
#Love
parthsoni7987

Parth Soni

Growing Creator

नाम ए वफा Love #Shayari

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