नवम् सरल सब सन छल हीना ।। 👇 ऐसी परिवेश की बात क्या करूँ जहाँ सरल सीधे लोगों को मूर्ख एवं मंदबुद्धि तथा उन्ही सीधे सादे लोंगों का अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करने वालो को चालाक कहा जाता हो ।अतः अपने स्वार्थ के लिए किसी भोले व्यक्ति का दुरुपयोग न करें और कर भी लें तो उसके सरलता का उपकार मानिये उसे मूर्खता की संज्ञा तो कदापि न दें। "परम् भाग्यम्" परहित सरिस धरम नहीं भाई । पर पीड़ा सम नहीं अधमाई ।।रा.मानस