आँखे नम है,साँसे भी कुछ रुकी रुकी सी है, यथार्थ और सिद्धांत का पुजारी हमसे दूर हो गया हैं । बहोत ही नाज़ुकता से सम्भाली तूने ये रिश्ते की डोरी, सुन मईया, तेरा बेटी का पात्र अब ख़त्म हो गया हैं । कुछ जल्दी कर दी तूने,उन्हें ले जाने में ए रब, उनका अच्छे से दीदार करना बाकी रह गया है । ताउम्र उजियारा ही फैलाता रहा वो देख ले ईश्वर तेरा चाँद अब सो गया हैं । इस नई ऋतू में हमारा पुराना मौसम खो गया हैं, केवल जीवन नही ,एक अध्याय का अंत हो गया हैं । #MissingNanu