Nojoto: Largest Storytelling Platform

#5LinePoetry ना तुम्हे मुझसे कोई शिकायत है, ना मुझ

#5LinePoetry ना तुम्हे मुझसे कोई शिकायत है,
ना मुझे ही तुमसे कोई गिला है।

ना कभी इश्क़ मुझे ही हुआ,
ना कभी इजहार तुमने ही किया है।

ना कभी कोई दीये ही जलाए हमने साथ में,
ना कभी कोई मन का रँग ही मिला है।

ना कभी तुम बेताब रही हो मेरे लिए,
ना कभी मैने तुम्हरा इन्तजार ही किया है।

दिल ही ना मिल पाये कभी हमारे,
हमने एक दुसरे को सिर्फ झूठ ही कहा है।

कितना ढोंग करते रहे हम मोहब्बत का,
जबकी हमे इसका मतलब भी ना पता है।

ना गलती तुम्हारी ही रही ना गलती मेरी ही थी,
हमने जो भी किया है सिर्फ दिखावा ही किया हैं।

©Rohit Bairag झुठा इश्क़

#5LinePoetry
#5LinePoetry ना तुम्हे मुझसे कोई शिकायत है,
ना मुझे ही तुमसे कोई गिला है।

ना कभी इश्क़ मुझे ही हुआ,
ना कभी इजहार तुमने ही किया है।

ना कभी कोई दीये ही जलाए हमने साथ में,
ना कभी कोई मन का रँग ही मिला है।

ना कभी तुम बेताब रही हो मेरे लिए,
ना कभी मैने तुम्हरा इन्तजार ही किया है।

दिल ही ना मिल पाये कभी हमारे,
हमने एक दुसरे को सिर्फ झूठ ही कहा है।

कितना ढोंग करते रहे हम मोहब्बत का,
जबकी हमे इसका मतलब भी ना पता है।

ना गलती तुम्हारी ही रही ना गलती मेरी ही थी,
हमने जो भी किया है सिर्फ दिखावा ही किया हैं।

©Rohit Bairag झुठा इश्क़

#5LinePoetry

झुठा इश्क़ #5LinePoetry