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ईश्वर के आधीन है, सकल जगत विस्तार। उसकी इच्छा क



ईश्वर के आधीन है, सकल  जगत विस्तार।
उसकी इच्छा के बिना, हिले  नहीं पतवार।
हिले नहीं पतवार, नाव फिर डगमग डोले।
नदी  बीच  में  नाव , लगी   खाने    हिचकोले।
निकले तन से प्राण, लगे फिर सबकुछ  नश्वर ।
करे कृपा अब नाथ ,बचा ले हमको ईश्वर।

©Tarun Rastogi kalamkar
  #ईश्वर_सत्य_है