एक बंद कमरे के अंधेरे में तेरे साथ जीने के सपने देख रही हूं हालांकि ज्यादा उम्मीद नही है है जीने की फिर भी बची हुई जिंदगी तेरे साथ देख रही हूं पूरी दुनिया को समेटना चाहती थी बाहों में आज मेरी पूरी दुनिया कमरे के एक कोने में सिमट कर रह गई हैं आज फिर तेरी बाते और तू मुझे हौसला दे रहे है लेकिन मैं फिर भी हारी सी लग रही हूं अपनी जिंदगी ko समेट कर एक बंद कमरे के कोने में पड़ी हूं ऐसा लग रहा है अब मैं अपनी लाइफ के आखिरी पन्ने लिख रही हूं जहां सबकी याद तो बहुत आ रही हैं लेकिन किसी से मिल नही सकती बहुत उपर तक उड़ने को सोंच रखने वाली आज जिंदगी के आखिरी पन्ने लिख रही है बस कमरे के एक कोने में सबकी यादों के साथ जी रही हूं।। ©Akriti Singh akhiri panne........by.....A.S. #Hopeless