Nojoto: Largest Storytelling Platform

हो रहा हैं स्वार्थ सिद्ध मनुष्य का सूख रही हैं नवस

हो रहा हैं स्वार्थ सिद्ध मनुष्य का
सूख रही हैं नवसृजित कलियाँ
क्रोध चरम पर हैं प्रकृति का
मनुष्य का विवेक क्षीण हुआ
कर शर्मसार प्रकृति को
मनुष्य ने ही कलयुग
को बुलाया •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़-२ •☆•
        《हिंदी चैलेंज १६》

नियमावली:

१. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में लिख सकते हैं।

२. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं।
हो रहा हैं स्वार्थ सिद्ध मनुष्य का
सूख रही हैं नवसृजित कलियाँ
क्रोध चरम पर हैं प्रकृति का
मनुष्य का विवेक क्षीण हुआ
कर शर्मसार प्रकृति को
मनुष्य ने ही कलयुग
को बुलाया •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़-२ •☆•
        《हिंदी चैलेंज १६》

नियमावली:

१. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में लिख सकते हैं।

२. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं।
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

•☆• जीएटीसी कोलाॅबज़-२ •☆• 《हिंदी चैलेंज १६》 नियमावली: १. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में लिख सकते हैं। २. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं।