किताबों का उसूल , भी सही है बिना , इक अल्फ़ाज़ कहें । कायनात न समाएं , इतना केह जाएं । इश्क़ हमें , इस अंदाज-ए-बयां से । किसी की समझ को , बांधती नहीं ये । बल्कि , सोच को पंख नवाजति हैं । क्या इस जैसी को ही , सचा साथी कहते हैं ? ©Anuradha Sharma #booklove #truefriendship #thoughts #loveforbooks #urdu #shayri #urduhindishayri #yqquotes #Nojoto