समुन्द्र खारा है ..... अपनी विशालता के कारण, क्यूँ

समुन्द्र खारा है ..... अपनी विशालता के कारण,
क्यूँ कि उसने सारी दुनिया की कड़वाहट अपने में समेट ली है,और बदले में मीठे जल की बारिश की है।

©Uma Vaishnav #विशालता #समुद्र #खारा 

#findsomeone
समुन्द्र खारा है ..... अपनी विशालता के कारण,
क्यूँ कि उसने सारी दुनिया की कड़वाहट अपने में समेट ली है,और बदले में मीठे जल की बारिश की है।

©Uma Vaishnav #विशालता #समुद्र #खारा 

#findsomeone
umavaishnav1851

Uma Vaishnav

Bronze Star
Growing Creator
एक बिलबिलाती नदी
जो समुद्र से मिलने की चाह में
चली थी सुदूर कहीं दक्षिण से
जो जीती रही इस भ्रम में कि 
मटमैला जल मीठा है उसका
मिटा ना सकी जो कभी तृष्णा किसी की
ना पा ही सकी जलधि को
पथ में ही सूख गयी
हार गई लड़ाई स्वयं अपने अस्तित्व की..
और अहं में कहती रही जाते-मिटते
मिलने से अच्छा है खारे सागर में
लुप्त हो जाना ऐसे ही..!
वो कूलंकषा अनभिज्ञ थी शायद 
पारावार निगलता है कुंठाएं सभी
शहरों से आयी दूषित नदियों की 
हांलाकि वो अपेय है
लवणता यथेष्ट है उसमें 
पर पालता है फिर भी
असंख्य पादप मछलियां सीपियाँ 
अपने असीम गर्भ में
ये गर्भधारण भला वो सूखी नदी क्या जाने!
खारापन ही गुण है उसका
इस गुण के कारण ही जीवित है अब तक
वरना संसार निगल जाता उसे!!
©KaushalAlmora




 #खारा 
#समुद्र 
#समंदर 
#yqdidi 
#नदी 
#रोजकाडोजwithkaushalalmora 
#खारापन 
#365days365quotes
एक बिलबिलाती नदी
जो समुद्र से मिलने की चाह में
चली थी सुदूर कहीं दक्षिण से
जो जीती रही इस भ्रम में कि 
मटमैला जल मीठा है उसका
मिटा ना सकी जो कभी तृष्णा किसी की
ना पा ही सकी जलधि को
पथ में ही सूख गयी
हार गई लड़ाई स्वयं अपने अस्तित्व की..
और अहं में कहती रही जाते-मिटते
मिलने से अच्छा है खारे सागर में
लुप्त हो जाना ऐसे ही..!
वो कूलंकषा अनभिज्ञ थी शायद 
पारावार निगलता है कुंठाएं सभी
शहरों से आयी दूषित नदियों की 
हांलाकि वो अपेय है
लवणता यथेष्ट है उसमें 
पर पालता है फिर भी
असंख्य पादप मछलियां सीपियाँ 
अपने असीम गर्भ में
ये गर्भधारण भला वो सूखी नदी क्या जाने!
खारापन ही गुण है उसका
इस गुण के कारण ही जीवित है अब तक
वरना संसार निगल जाता उसे!!
©KaushalAlmora




 #खारा 
#समुद्र 
#समंदर 
#yqdidi 
#नदी 
#रोजकाडोजwithkaushalalmora 
#खारापन 
#365days365quotes
kaushaljoshi2249

LOL

New Creator
कुछ इस तरह का है 
रिश्ता हमारा
 
चाह के भी नहीं हो सकते 
एक दूसरे के हम 

मैं हूँ सूखी ज़मीन  और 
वो समंदर जिसका पानी खारा समंदर खारा
कुछ इस तरह का है 
रिश्ता हमारा
 
चाह के भी नहीं हो सकते 
एक दूसरे के हम 

मैं हूँ सूखी ज़मीन  और 
वो समंदर जिसका पानी खारा समंदर खारा
समुंदर खारा है

#Sapnokiudaan
play

समुंदर खारा है #Sapnokiudaan #विचार

224 Views