*जिंदगी मे प्यार* अकेले जिंदगी जीता हू अकेले ख्वाहिशें बुनता हू अकेले रास्तो मे सफर तय करता हू अकेला गिरता हू अकेला उठता हू ऐ खुदा ये बता हाथ की लकीर क्या प्यार प्यार होता है क्या मुझको तो नहीं पता नहीं मिला मुझको तो क्या सबको मिला अच्छा हुआ क्यूँ ना मिला इसकी वज़ह मुझको तो नहीं पता क्या पता हाथो की लकीर ही हो बेवफा #poetryloversyourquote#poetry