अपनें हमसफ़र की,जिनकी आखों में ऐसा कैद हुआ 30 साल हो गये और आज भी उन आखों से बाहर निकलने का रास्ता ना ही मिल रहा है और ना ही मैं ठूठना चाहता हूँ। ©Rajeev Bhardwaj आँखे